Tuesday, 25 September 2018

“अन्वेशा” जिंदगी मेरी, तु ही तो है


“अन्वेशा” जिंदगी मेरी, तु ही तो है
तीन साल, जीवन के तेरे,
बराबर है तीन जन्मों के मेरे
                                    बहुत कुछ बदल सा गया,
                                    सच कहूँ तो मुझे जीना सीखा गया।
तुम्हारे अरमानों का हर सफर पूरा हो, 
सफलता के फलक पर सितारों की तरह तू चमक जाएँ।
खुशियां खुद तुम्हारे दामन में बिखर जाएं,
हम हर कदम पर तुम्हारे साथ नजर आएंगे।
बडा नसीब वाला हूँ के घर जन्मी है बेटी,
घर आँगन को खुशियों से भर रहीं है बेटी।
प्यार और दुलार से सराबोर है तु ,
मेरी हिम्मत, मेरी ताकत है तु बेटी।
तारों कि चमक सा रौशन कर रही तु मेरा जीवन,
फूलों के ख़ुशबू सा गमका रही घर आँगन।
खुशियों से भरा बीते जीवन का सफर,
सिर्फ अपनी मंजिल पर हो तेरी नजर।
ईश्वर की कृपा बरसे तेरे ऊपर,
खुशियाँ मिले तुझे झोली भरकर,
                                                                            तु अक़्स है मेरा, मेरी परछाई है,
                                    जनम धन्य करने मेरा, तु धरा पर आयी है
जैसे बेजुबान को स्वर, अंधे को चाहिये नैन,
वैसे ही तुझे देख, तेरी माँ का दिल पाता है चैन
बस याद रखना कि तु आज़ाद हैं,
मेरा हर कल, तेरा आज हैं।
मेरी हर मर्ज कि दवा है तु,
मेरा ज़मीर,तु मेरा ताज हैं,
तेरे दादा ने दिया था बहुत मुझें लाड,
शायद मैं ना दे पाऊँ उतना तूझे 
पर यह भी सच है मेरी जान,
जीते जी मेरे, कोई कमी ना होगी तुझे,
गर ना रहा कभी साथ तेरे, तो भी पास ही रहूँगा,
जैसे दादा तेरे, मेरे साथ है, वैसे ही,
            तेरे हर फैसले, हर सोच मे शामिल रहूँगा,
Awanish Anand Shambhujee Varma 25/09/2018


Wednesday, 29 August 2018


मेरी नटखट अन्वेषा


पापा, घल जल्दी आना,

गुब्बाले और टोफी लाना,

जब तेरी आवाज कानो मे पडती है,

सच मे जीने कि चाह बढती है,

धीरे धीरे, चलते गिरते दौड़ने लगी तू ,

जीवन में हर रस को घोलने लगी तू ,

तेरी तुतली आवाज अजब सी ख़ुशी देती है ,

सारे तकलीफो को पल में हर लेती है ,

अभी कल की बात ही तो लगती है,

तू मेरी गोद में पहली बार आयी है,

दो साल बीत गए,  पर अब भी महसूस होता है,

तू मुझ सी और मेरी ही परछाई है,

सच में ,

तुझे वो हर बात पसंद है , जो मुझे भी है,

तुझे वो हर रंग पसंद है , जो मुझे भी है,

तुझे वो हर चीज़ पसंद है , जो मुझे भी है,

तुझे वो हर राग पसंद है , जो मुझे भी है,

तु मेरी सुख की संभावना है,

तु मेरी ईश्वर की आराधना है।

तु है तो ये सुन्दर सा जहां है,

तु नहीं तो तेरे पापा का अस्तित्व कहाँ है?

तु है तो, घर में पायल की छनकार होती है,

तु है तो, घर में खुशियों की भरमार होती है,

तेरे नन्हे हाथो का स्पर्श, फूलो का सा लगता है,

तेरी प्यारी माँ को मेरे पास होने सा लगता है.

ऐसे ही चलते हुए, हॅसते हुए, खेलते हुए, तुझे बढ़ते रहना है,

जीवन की हर बुलंदियों को छू, मेरी शान और खुद की मान बढ़ाते रहना है। 

Tuesday, 23 January 2018

पापा आप यही हो...


पापा आप यही हो...

पापा, आज आपको गये तीन साल हो गया,

इन सालो मे आपका बेटा बड़ा हो गया।

आपसे सीखा हर गुण अब काम आता है,

जैसे डुबती कश्ती को तिनके का सहारा है।

अब पता चलता है कि
जिम्मेवारियों का बोझ कितना भारी है,
खुद से ज्यादा

अपनों की खुशियाँ प्यारी हैं,
दौड़ाने पड़ते हैं कदम

पकड़ने को जिंदगी कि रफ़्तार,
आज गुजर रहा है और

कल की तैयारी है।

अब समझ आती है मजबूरी आपकी, अब कमी का एहसास होता है
दुनिया होती है मतलबी पर पिता सबसे ख़ास होता है
चेहरे पर खुशी ओडे, भले अन्दर ही अन्दर रोता है
मुश्किलों से बचाने के लिए, पिता हिम्मत की दीवार होता है।

बातो मे गुस्सा, पर आपकी आंखो का प्यार,
वो याद बहुत अब आता है
जाने से पहले कही आपकी हर बात,
आँखों में आंसू लाता है
दिल में बसी आपकी छवि, जीने का हौसला देती है
आपके साथ के हर खुशनुमा पलो को याद कर, समय गुजरता जाता है।

आपकी कमी तो है पर, खालीपन नही,
यादें जो दिल में समेटे हूँ, वो कोई कम तो नही।

आप गये नही हो कही, यही तो हो,

आज मुझमे समाये, मेरी ताकत ही तो हो
                                              24/01/2018