Tuesday, 23 January 2018

पापा आप यही हो...


पापा आप यही हो...

पापा, आज आपको गये तीन साल हो गया,

इन सालो मे आपका बेटा बड़ा हो गया।

आपसे सीखा हर गुण अब काम आता है,

जैसे डुबती कश्ती को तिनके का सहारा है।

अब पता चलता है कि
जिम्मेवारियों का बोझ कितना भारी है,
खुद से ज्यादा

अपनों की खुशियाँ प्यारी हैं,
दौड़ाने पड़ते हैं कदम

पकड़ने को जिंदगी कि रफ़्तार,
आज गुजर रहा है और

कल की तैयारी है।

अब समझ आती है मजबूरी आपकी, अब कमी का एहसास होता है
दुनिया होती है मतलबी पर पिता सबसे ख़ास होता है
चेहरे पर खुशी ओडे, भले अन्दर ही अन्दर रोता है
मुश्किलों से बचाने के लिए, पिता हिम्मत की दीवार होता है।

बातो मे गुस्सा, पर आपकी आंखो का प्यार,
वो याद बहुत अब आता है
जाने से पहले कही आपकी हर बात,
आँखों में आंसू लाता है
दिल में बसी आपकी छवि, जीने का हौसला देती है
आपके साथ के हर खुशनुमा पलो को याद कर, समय गुजरता जाता है।

आपकी कमी तो है पर, खालीपन नही,
यादें जो दिल में समेटे हूँ, वो कोई कम तो नही।

आप गये नही हो कही, यही तो हो,

आज मुझमे समाये, मेरी ताकत ही तो हो
                                              24/01/2018
 

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